
May 07, 2025
बच्चों में हाइपरटेंसिव इमरजेंसी: माता-पिता और देखभालकर्ताओं के लिए सरल गाइड
हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) सिर्फ बड़ों की समस्या नहीं है – यह बच्चों को भी प्रभावित कर सकता है, और कभी-कभी हाइपरटेंसिव इमरजेंसी नामक एक खतरनाक स्थिति पैदा कर सकता है। यह गाइड बताता है कि यह क्या है, क्यों होता है और डॉक्टर इसका इलाज कैसे करते हैं।
बच्चों में हाइपरटेंसिव इमरजेंसी क्या है?
जब बच्चे का ब्लड प्रेशर खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है, तो यह गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है। डॉक्टर इसे दो प्रकारों में बांटते हैं:
- हाइपरटेंसिव इमरजेंसी – बहुत हाई बीपी के साथ अंगों को नुकसान (जैसे, दौरे, हार्ट फेल्योर, किडनी की समस्याएं)। यह जानलेवा हो सकता है और तुरंत अस्पताल में इलाज की जरूरत होती है।
- हाइपरटेंसिव अर्जेंसी – बहुत हाई बीपी लेकिन अंगों को नुकसान नहीं। इसे भी मेडिकल देखभाल की जरूरत होती है, लेकिन इमरजेंसी जितनी जरूरी नहीं।
यह कितना आम है?
बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर बड़ों की तुलना में कम होता है, लेकिन कुछ स्थितियाँ (जैसे किडनी रोग, हृदय संबंधी समस्याएं या दवाओं का प्रभाव) इस स्थिति को ट्रिगर कर सकती हैं।
बच्चों में हाइपरटेंसिव इमरजेंसी के कारण
मुख्य कारणों में शामिल हैं:
- किडनी की बीमारी (सबसे आम कारण)
- हृदय संबंधी समस्याएं (जैसे, महाधमनी का संकुचित होना)
- हार्मोनल विकार (जैसे, एड्रेनल ग्लैंड की समस्याएं)
- दवाओं का ओवरडोज (जैसे, उत्तेजक पदार्थ, कोकीन)
- गंभीर संक्रमण या चोट
चेतावनी के संकेत और लक्षण
हाइपरटेंसिव इमरजेंसी वाले बच्चे में ये लक्षण हो सकते हैं:
- तीव्र सिरदर्द, चक्कर आना या भ्रम
- धुंधली दृष्टि या दौरे पड़ना (दिमाग में सूजन के संकेत)
- सीने में दर्द या सांस लेने में तकलीफ (हृदय पर दबाव)
- मतली, उल्टी या पेशाब कम आना (किडनी की समस्याएं)
अगर बच्चे को इन लक्षणों के साथ बहुत हाई बीपी है, तो तुरंत इमरजेंसी मेडिकल सहायता लें।
इसका इलाज कैसे किया जाता है?
लक्ष्य ब्लड प्रेशर को सुरक्षित तरीके से कम करना है – बहुत तेजी से कम करना खतरनाक हो सकता है।
इमरजेंसी ट्रीटमेंट (हॉस्पिटल केयर)
- बीपी को धीरे-धीरे कम करने के लिए IV दवाएं दी जाती हैं।
- आम दवाएं: एस्मोलोल, निकार्डिपिन, लेबेटालोल, सोडियम नाइट्रोप्रसाइड (साइड इफेक्ट्स के कारण सावधानी से प्रयोग की जाती है)।
- डॉक्टर जटिलताओं को रोकने के लिए बच्चे पर नजर रखते हैं।
नॉन-इमरजेंसी (अर्जेंसी) ट्रीटमेंट
- मुंह से ली जाने वाली दवाएं (जैसे क्लोनिडाइन या हाइड्रालाज़ाइन) दी जा सकती हैं।
- बच्चे पर लक्षण बिगड़ने के लिए नजर रखी जाती है।
लॉन्ग टर्म मैनेजमेंट
- अंतर्निहित कारण का पता लगाना और उसका इलाज करना (जैसे, किडनी रोग)।
- नियमित बीपी चेकअप और जीवनशैली में बदलाव (स्वस्थ आहार, व्यायाम)।
विशेष मामले
- नवजात शिशु और छोटे बच्चे: विशेष IV दवाओं की जरूरत हो सकती है (जैसे निकार्डिपिन)।
- सर्जरी के बाद: बीपी को सावधानी से कंट्रोल करना जरूरी होता है।
माता-पिताओं के लिए महत्वपूर्ण बातें
✅ बच्चों में हाई बीपी गंभीर हो सकता है – इसे नजरअंदाज न करें!
✅ अगर बच्चे को तेज सिरदर्द, दौरे या हाई बीपी के साथ सांस लेने में तकलीफ हो, तो तुरंत अस्पताल जाएं।
✅ इलाज नियंत्रित होना चाहिए – बहुत तेजी से बीपी कम करना नुकसानदायक हो सकता है।
✅ भविष्य की समस्याओं को रोकने के लिए लंबे समय तक फॉलो-अप जरूरी है।
अगर आपको शक है कि आपके बच्चे को हाई ब्लड प्रेशर है, तो हमेशा डॉक्टर से सलाह लें। समय पर पहचान और इलाज जान बचा सकता है!
(नोट: यह एक सरल सारांश है। हमेशा अपने बच्चे के डॉक्टर की सलाह का पालन करें।)
References:
- https://www.merckmanuals.com/home/children-s-health-issues/high-blood-pressure-in-children/high-blood-pressure-emergencies-in-children
- https://www.frontiersin.org/journals/pediatrics/articles/10.3389/fped.2022.880678/full
- https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC7606848/
- https://www.uptodate.com/contents/initial-management-of-hypertensive-emergencies-and-urgencies-in-children